THE GREATEST GUIDE TO HINDI KAHANI SHORT

The Greatest Guide To hindi kahani short

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हिंदी कहानी

वहां पहुचकर वह बोला- स्वामी मैंने कहा था वही हुआ, आपकों आता देखकर अपने दुर्ग में छिप गया हैं, आइये आपकों उसकी सूरत दिखा देता हु, ” जरुर मै उस नीच को देखकर दुर्ग में ही उससे लडुगा.

एक बार श्यामपट पर उन्होंने रेखा खीचकर विद्यार्थियों से पूछा कि – क्या इस रेखा को बिना मिटाए कोई छोटी कर सकता हैं?

गुरुकुल शिक्षा प्रणाली थी और छात्र गुरुकुल में ही रहकर पढ़ते थे. उन्हीं दिनों की बात है.

दूसरी तरफ दानवों ने शर्त का पालन किया, लड्डू उछालते रहे, उन्हें पाने के लिए लपकते रहे, न खुद खाए न दूसरों को खाने दिए. लड्डू तो बिगड़े ही, पेट भी न भरा.

दुर्ग में रहने वाले शत्रु पर विजय पाना कठिन हैं, दुर्ग में बैठा हुआ शत्रु सौ शत्रुओ के बराबर माना जाता हैं.

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इस प्रकार ऊपर की सब बातचीत तथा भोजन करने में दो घंटे लग गये.

५० स्वर्ण मुद्राओं की बात सुनकर मूर्तिकार ख़ुश हो गया और महामंत्री के जाने के उपरांत प्रतिमा का निर्माण कार्य प्रारंभ करने के उद्देश्य से अपने औज़ार निकाल लिए.

एक खरगोश भासुरक के पास जाकर उसे बुला लाए, मै स्वय निबट लूँगा. हममे से जो बलशाली होगा, वही इस जंगल का राजा होगा.

राजा ने मंत्री को अपना आधा राज्य भी दे दिया. इसके बाद भी राजा ने उसे बहुत सारी चल अचल सम्पति दी.

विनम्र रहें और यह कभी न भूलें कि शरीर का आकार मायने नहीं रखता है, बल्कि आपकी अंदर की शक्ति ही जरुरत आने पर काम आती है।

आज की शीर्षक हिंदी में कहानी में राजस्थान के कवि और लेखक विजयदान देथा द्वारा मूलत: राजस्थानी भाषा में लिखी गईं कुरज री विनती कहानी हैं, जिसे हिंदी में ट्रांसलेट किया गया हैं.

एक विद्वान पंडित थे, उनका नाम था- राधे गुप्त. उनका गुरुकुल बड़ा ही प्रसिद्ध था, जहाँ दूर दूर से बालक शिक्षा प्राप्त करने के लिए आते थे.

राजा ने उस मंत्री को बुलाकर पूछा मंत्रीजी आपने बहुत समय पहले सेठजी के यहाँ क्या स्वप्न देखा था.

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